Surprise Me!

जो प्रिय लगे, उससे बचना || आचार्य प्रशांत, कठ उपनिषद् पर (2017)

2019-11-23 10 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१७ नवम्बर २०१७<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />~ कठोपनिषद, द्वितीय वल्ली, प्रथम श्लोक:<br />अन्यछ्रेयोऽन्यदुतैव प्रेय<br />स्ते उभे नानार्थे पुरुषम् सिनीतः।<br />त्योः श्रेय आददानस्य साधु<br />भवति हीयतेऽर्थाद्य उ प्रेयो वृणीते ।।१।।<br /><br />प्रसंग:<br />कठ उपनिषद् में जो प्रिय लगे, उससे बचने को कोई बोला गया है?<br />शुभ का मतलब क्या है?<br />हीत और प्रिय में क्या अंतर हैं?<br />कैसे जाने की मेरे लिए हीतकर क्या है?<br />साधक का मन कैसा होता है?<br />जीवन सार्थक कैसे बने?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

Buy Now on CodeCanyon